आज के समय में क्रिकेट पूरी दुनिया में एक नशा सा बना हुआ है. हर किसी को क्रिकेट खेलना और देखना पसंद है. क्रिकेट एक बहुत ही अच्छा खेल है. क्रिकेट का इतिहास बहुत समय पुराना है..क्रिकेट दुनिया में फुटबॉल के बाद दूसरे नंबर पर सबसे पहले जाने वाला और देखे जाने वाला खेल है. ऐसा माना जाता है. कि क्रिकेट की शुरुआत रोमन एंपायर के खत्म होने के बाद शुरू हुआ था. इंग्लैंड के King Edward Two ने अपने समय में इसको खेला था. लेकिन इन सभी बातों का कोई सुबूत नहीं है. ना ही इनका कोई प्रमाण मिला है. शुरू में क्रिकेट खेलने के लिए एक लकड़ी को अपना BAT और धागे से बनाई गई बोल का इस्तेमाल करते या छोटे-छोटे कंकर का इस्तेमाल करके बोल बनाते हैं विकेट के लिए पेड़ या गेट का इस्तेमाल करते थे.
वैसे तो क्रिकेट कब शुरू हुआ और किस समय शुरू हुआ यह बता पाना बहुत मुश्किल है. लेकिन एक अंदाजा जरूर लगाया गया है. और इसके लिए 16 शताब्दी में हुई एक घटना में बताया गया है. 1598 में इंग्लैंड में एक जमीन के की लड़ाई को लेकर एक केस दर्ज किया गया था. और उस जमीन के मालिक होने का दावा 59 साल के Corner or John Derek ने किया था. और उन्होंने बताया था. कि वह 50 साल पहले 1550 में स्कूल के बाद इस जमीन पर क्रिकेट खेला करते थे. और इससे पहले किसी ने क्रिकेट खेलने का दावा नहीं किया है. तो इस बात का अंदाजा यहीं से लगाया जाता है. कि शायद इसी समय से क्रिकेट की शुरुआत हुई थी और यह माना गया कि सबसे पहली बार क्रिकेट 1550 में खेला गया.
17 शताब्दी की शुरुआत में क्रिकेट को लगभग छोटे बच्चे ही खेला करते थे. उस समय कोई भी बड़ा आदमी क्रिकेट को नहीं खेलता था. यह सिर्फ बच्चों का ही खेल होता था. और इससे बच्चे सिर्फ एक टाइम पास करने के लिए ही खेलते थे.. फिर उसके बाद यह खेल बच्चों से बड़ों तक कैसे पहुंचा. इसके पीछे एक छोटी सी बात जरूर है. 1611 में दो बड़े बच्चों ने रविवार के दिन चर्च स्कूल में जाकर क्रिकेट को खेलने लगे और इस तरह से इन दोनों बड़े बच्चों के ऊपर मुकदमा चलाया गया क्योंकि इससे पहले किसी भी तरह का कोई भी बड़ा आदमी ना तो क्रिकेट खेलता था. और ना ही इस तरह का कोई सबूत मिला था.
और इस केस के सामने आने के बाद यही अंदाजा लगाया जाता है. कि सबसे पहली बार 1611 में यह खेल छोटे बच्चों से बड़े बच्चों तक पहुंचा और इसी साल में भी डिक्शनरी में भी क्रिकेट नाम के शब्द को जोड़ा गया. और फिर उसके बाद क्रिकेट के नियम की अगर बात करेंगे तो फिर धीरे-धीरे ही है. खेल बड़े बच्चों में भी खेला जाने लगा और यह एक अच्छा खेल बन गया और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत में इस खेल में कुछ नियम बनाए गए वे नियम कुछ इस तरह से बनाए गए थे.. दो खिलाड़ी अपने BAT को लेकर मैदान में आते थे.. उस जमाने में आज के समय के जैसे BAT होते थे..

फिर उसके बाद पिच के ऊपर दोनों तरफ विकेट लगाई जाती थी और सिक्के के साथ टॉस की जाती थी और जो टीम टॉस जीत जाती थी वह बैटिंग करती थी और बोलिंग भी आज के समय के जैसे ऊपर से नहीं होती थी. उस समय में बोली नीचे से फेंकी जाती थी और उस समय में एक ओवर में सिर्फ चार ही balls होती थी. और रन को एक जगह पर निशान लगाकर लिखा जाता था. फिर 1889 में एक ओवर में 4 बॉल के नियम को हटाकर एक और पांच balls कर दिए गए फिर 1922 में इस नियम को बदलकर 8 balls ओवर में कर दी गई लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1947 में इन सभी नियमों को बदल कर एक ओवर में छह बॉल कर दी गईऔर उसमें सबसे ज्यादा स्कोर सिर्फ 40 रन ही था.
क्योंकि उस समय में ball सिर्फ नीचे जमीन के ऊपर फेंककी जाती थी इसीलिए ज्यादा रन भी नहीं बनते थे. और उस समय में खिलाड़ियों को चोट भी ज्यादा लगती थी 1970 में पहली बार बीच के ऊपर बोलिंग को ऊपर से डालना शुरू किया गया था. उस नियम के बाद बैट्समैन को शॉर्ट्स लगाना बहुत आसान भी हुआ. और चोट लगने का खतरा भी कम हुआ और बॉलर को भी बॉलिंग करने में आसानी हुई क्योंकि अगर बोलिंग तरीके की बात करें तो पहले समय में बॉलर बॉलिंग अंडरआर्म किया करते थे. और फिर उसके बाद राउंड आम बोलिंग करना शुरू किया.
फिर उसके बाद 1880 में ओवर आम बोलिंग करना शुरू किया गया जो कि बहुत ज्यादा इस्तेमाल होने लगी उन्नीसवीं शताब्दी में क्रिकेट बहुत पॉपुलर होने लगा और क्रिकेट के नियम में बहुत सारे बदलाव किए गए और इन नियमों के बदलाव के साथ-साथ balls और BAT में भी बहुत सारे बदलाव किए गए 1774 में एलबीडब्ल्यू आउट और तीसरे स्टैंप का नियम बनाया गया और इन नियमों में Ball के साइज बैटिंग दस्ताने पैड हेलमेट जैसी चीजों को भी क्रिकेट में जोड़ा गया और 1870 में पहली बार बाउंड्री बनाई गई उससे पहले बैट्समैन हर ball को मारने के बाद रन दौड़ता था.

दुनिया का सबसे पहला क्रिकेट क्लब 1760 में बनाया गया था. बॉलीवुड क्रिकेट क्लब एमसीसी बनाया गया जो क्रिकेट के नियम को बनाता है. और क्रिकेट से जुड़ी और भी बहुत सारे काम करता है. 1787 में, यॉर्कशायर के थॉमस लॉर्ड ने लंदन में क्रिकेट मैदान खोला और उस वर्ष मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब का गठन हुआ इंग्लैंड के बाद धीरे-धीरे अब दुनिया में लगा और फिर क्रिकेट इंग्लैंड से नॉटी अमेरिका और धीरे-धीरे दुनिया के बहुत सारे देशों में पहुंच गया. 1859 की शुरुआत में इंग्लैंड की टीम ने कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा किया और 1861 में ऑस्ट्रेलिया ने एक टीम का दौरा किया ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न में 1877 में पहला रिकॉर्ड मैच जीत दर्ज की और इंग्लैंड को 45 रन से हराया। 5 साल बाद, 1882 में ऑस्ट्रेलिया लंदन में फिर से जीता.
लेकिन यह इंग्लैंड की धरती पर ऑस्ट्रेलिया की पहली जीत थी1882 में लंदन में द ओवल में हुई जिसने दोनों देशों के बीच होने वाले मैचों में एशेज का नाम रखा गया था. इस हार के बाद अखबारों ने इंग्लिश क्रिकेट की मौत का शोक मचाया गया. और उसके बाद से आज तक लगातार यह क्रिकेट सीरीज एशेज के नाम से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच में खेली जाती है. यह हर साल होती है.

आज के समय में क्रिकेट 3 तरह से खेला जाता है. टेस्ट क्रिकेट वनडे क्रिकेट और T20 क्रिकेट T20 क्रिकेट का इतिहास कुछ ज्यादा पुराना नहीं है. यह लगभग पिछले 10 – 12 सालों से ही शुरु हुआ है. और उससे पहले T20 क्रिकेट नहीं खेला जाता था. उसे पहले सिर्फ वनडे और टेस्ट मैच ही खेले जाते थे. और सबसे ज्यादा टेस्ट मैच ही खेले जाते थे. टेस्ट मैच 5 दिन का होता है. वनडे मैच 1 दिन का होता है. .
सत्रहवीं शताब्दी के बाद से इंग्लैंड में क्रिकेट खेला जाता था.. जैसा की हमने आपको उपर बताया है.. टेस्ट क्रिकेट का इतिहास1877 माना जाता है. जब यह क्रिकेट इंग्लैंड से एक अंतरराष्ट्रीय खेल के रूप में जाना जाने लगा तब 1877 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट मैच खेला गया था. और इस प्रतियोगिता की सफलता ने एशेज की शुरुआत की जो पहले 1882 में ओवल में खेली गई थी। आज दस क्रिकेट टेस्ट देश हैं और टेस्ट क्रिकेट को क्रिकेट के टेस्ट के रूप से अंतिम उपाय माना जाता है. क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ी का एक टेस्ट होता है. वह उससे खिलाड़ी 3 मानसिकता उसका खेल उसका उत्साह उसका जुनून यह सब चीजे साबित होती है. यह एक तरह का टेस्ट लिया जाता है. और यह दुनिया भर की टीमों का भी एक टेस्ट ही होता है. अगर कोई भी खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट अच्छी तरह से खेलता है. तो वह सभी तरह के क्रिकेट खेल सकता है. और उस खिलाड़ी को बेस्ट प्लेयर माना जाता है.. टेस्ट क्रिकेट 5 दिन का होता है. इसके एक मैच को होने के लिए 5 दिन लगते हैं लेकिन यह उससे पहले भी खत्म हो सकता है. लेकिन इस क्रिकेट मैच में दोनों टीमों को दो-दो बार खेलना होता है. और अगर दोनों पारी 2 दिन या 1 दिन में भी समाप्त हो जाती है. तो यह टेस्ट मैच 5 दिन पहले भी खत्म हो सकता है. और यदि दोनों टीमों की पारी पूरी नहीं हो पाती है. तो इस मैच को डरा घोषित कर दिया जाता है.. और आज के समय में दुनिया की 10 टेस्ट टीम है. जिनमें इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड ,साउथ अफ्रीका ,भारत ,श्रीलंका, पाकिस्तान ,बांग्लादेश ,ज़िम्बाब्वे, और वेस्टइंडीज जैसी टीम शामिल है..

क्रिकेट के कुछ रोचक तथ्य
1 दक्षिण अफ्रीका के एक खिलाड़ी हर्शल गिब्स ने वेस्टइंडीज में 2007 विश्व कप में नीदरलैंड के दावे निबंध के द्वारा बोर्ड हुए और उन्होंने एक और में छह छक्के लगाए थे..
2 फिर उस इतिहास को भारत के खिलाड़ी युवराज सिंह ने 2007 टी-20 विश्व कप में एक बार फिर से दोहरा दिया और उन्होंने इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड को लगातार छह बोलों पर छह छक्के लगाकर एक और रिकॉर्ड कायम कर दिया.
3 आज तक के क्रिकेट के इतिहास में वनडे क्रिकेट मैच में सबसे बढ़िया गेंदबाजी का प्रदर्शन जिंबाब्वे के चमिंडा वास का है. जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में 8 विकेट लिए थे. और वह दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी है.
4 पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के नाम दुनिया की सबसे तेज बॉल डालने का रिकॉर्ड है. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ है. दुनिया की सबसे तेज बॉल 161.3 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से डाली थी.
5 क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम वैसे तो बहुत से रिकॉर्ड है. लेकिन पहली बार एकदिवसीय मैच में दोहरा शतक बनाने का रिकॉर्ड उनके नाम है. और सचिन तेंदुलकर ने ग्वालियर में यह रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया था.
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