पीएम मोदी ने कहा, ”जब मैं गुजरात में था तो मैंने देखा कि हमारा काफिला जा रहा था. आगे एक स्कूटर पर ट्रैक्टर का ट्यूब लेकर एक आदमी जा रहा था. मैं भी हैरान था कि ऐसे कैसे ले जा रहा है. कोई भी समझदार आदमी यही करेगा कि ट्यूब खाली कर देगा और आगे जाकर हवा भर लेगा. मैंने कहा- रुकिए ज़रा. स्कूटर वाले से मैंने पूछा कि ये क्या कर रहे हो. कहीं गिर जाओगे, चोट लग जाएगी. वो बोला- नहीं, खेत जा रहा हूं. मेरे घर में किचन और पशुओं का जो कूड़ा-कचरा या गोबर निकलता है. मैंने घर पर एक गैस का प्लांट बनाया है. मैं उस गैस को ट्यूब में भरकर खेत ले जाता हूं और फिर इस गैस से पानी का पंप चलाता हूं.”
पीएम मोदी के भाषण के ये दो हिस्से लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.
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मोदी के किस्से और सोशल मीडिया पर तंज..
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल लिखते हैं, ”इसलिए कहते हैं कि देश का प्रधानमंत्री पढ़ा लिखा होना चाहिए.”
इसीलिए कहते हैं कि देश का प्रधान मंत्री पढ़ा लिखा ही होना चाहिए https://t.co/lOxaubdSPd
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 13, 2018
कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से भी मोदी का मज़ाक उड़ाता एक वीडियो शेयर किया गया है.
कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, ”योग की खोज और जलवायु परिवर्तन को खारिज करने के बाद पीएम मोदी ने विज्ञान की नई परिभाषा रची है.”
https://twitter.com/INCIndia/status/1028287425338982400
बीबीसी ऐसी किसी ख़बर की पुष्टि नहीं करता है.
भैय्याजी नाम के ट्विटर हैंडल से गटर से बनी गैस का रसोई में इस्तेमाल करने वाली एक महिला की ख़बर को शेयर किया है.
@bhaiyyajispeaks ने लिखा, ”प्रतिभा तो प्रतिभा है. अब इसका मज़ाक बना लो या सराहना कर लो. आपके ऊपर है. अगर इस खबर पर आपको यकीन नहीं है तो आलू डालकर सोना निकालने वाली मशीन की खोज में लग जाइए.”
https://twitter.com/bhaiyyajispeaks/status/1028708889020121088
नाले से निकली गैस…’ पर क्या बोले बीबीसी हिंदी के पाठक?
पीएम मोदी के बयान पर हमने बीबीसी हिंदी के इंस्टाग्राम, फ़ेसबुक, ट्विटर पर कहासुनी की. हमने लोगों से मोदी के बयान पर राय मांगी.
इस कहासुनी पर हमें सैकड़ों प्रतिक्रियाएं मिली हैं. हम आपको यहां कुछ प्रतिक्रियाएं पढ़वा रहे हैं.
इंस्टाग्राम पर अजाज़ नाम के यूज़र ने लिखा, ”मुद्दा ये नहीं है कि मोदी जी ने नाले की गैस से चाय बनाने की कहानी सुनाई. मुद्दा ये है कि इस कहानी पर ताली बजाने वाले लोग कौन हैं?”
इंस्टाग्राम यूज़र @imtabarakhan लिखते हैं, ”साफ़-साफ़ बोलिए न कि आपसे नदी नाले साफ़ नहीं होंगे.”
सानिफ़ ने कमेंट लिखा, ”पंडित दीनदयाल गैस योजना.”
फ़ेसबुक पर सईद सलमान ने लिखा- भारत को ऐसी सारी बातों को चुनौती देने की ज़रूरत है. वरना मुल्क चुटकुलों का अड्डा बनकर रह जाएगा.
सुभाष कुमार लिखते हैं, ”जब गटर की गैस से चाय बन सकती है तो उज्जवला जैसी योजना पर करोड़ों रुपये खर्च करने की क्या ज़रूरत है?”
तबरेज़ ने लिखा, ”अब लोग ये बताएं कि असली पप्पू कौन है. राहुल या मोदी?”
गोभी जी के अनोखे आविष्कार से समस्या ये खड़ी हो गयी है कि गंगा नदी को साफ करके टूरिज्म बढ़ाया जाये या फिर और गंदा करके गैस उत्पादन।
— Rafale Gandhi (@RoflGandhi_) August 13, 2018
चौहान गोपाल सिंह ने कहा, ”मोदी का तो काम ही है ऐसे चुटकुलों से मनोरंजन करना. लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि वहां बैठे लोगों ने भी तलाई बजाई.”
रिज़्वी लिखते हैं, ”सुना है कि JIO यूनिवर्सिटी के गोल्ड मेडलिस्ट छात्र ने नाले की गैस से चाय बनाने की खोज की है.”
दाऊद त्यागी नाम के यूज़र लिखते हैं, ”जंग इस बात की है कि नाले और गटर से निकली गैस से बना खाना पहले कौन खाएगा.”
संबित पात्रा :- मुझे पापा जी ने ONGC का डायरेक्टर बनाया, बल्ले बल्ले 🕺
हम :- मतलब "ऑल नाला गैस कम्पनी" 😜
😁😁😁
— 👒 Sheela Singh 👒 (@SheeIaS) August 13, 2018
ट्विटर पर समाधान पाटिल ने शीला सिंह नाम की महिला को क्रेडिट देते हुए लिखा, ”चूल्हा जलई ले नाले से पिया. नाला मा बड़ी आग है.”
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